Monday, August 13, 2012

संस्कृत सुभाषिते [अर्थासकट]: ७५६. आपत्काले तु सम्प्राप्ते यन्मित्रं मित्रमेव तत...

संस्कृत सुभाषिते [अर्थासकट]: ७५६. आपत्काले तु सम्प्राप्ते यन्मित्रं मित्रमेव तत...: वृद्धिकाले तु सम्प्राप्ते दुर्जनोऽपि सुहृद् भवेत्  || अर्थ संकटकाळी [सुद्धा] जो मित्रत्वाने वागतो तो आपला [खरा ] मित्र होय. भरभराटीच्या द...

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